श्लोक - ७८३
गुणिभिस्तु कृत: स्नेह: क्रमेणानन्ददायक: ।
सदर्थ: पथनाद्यद्वत् क्रमशो मोददायक: ॥
Tamil Transliteration
Navildhorum Noolnayam Polum Payildhorum
Panputai Yaalar Thotarpu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | स्नेह: |