श्लोक - ७६५
युद्धं करोतु कुपित: स्वयमागत्य चान्तक: ।
स्थातुं धैर्येण तस्याग्रे या शक्ता सैव वाहिनी ॥
Tamil Transliteration
Kootrutandru Melvarinum Kooti Edhirnirkum
Aatra Ladhuve Patai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 081 to 090 |
chapter | सैन्यप्रयोजनम् |