श्लोक - ७३८
सम्पन्नीरोगताधान्यसमृद्धि: सुखजीवनम् ।
दुर्गश्च पञ्च देशस्य मण्डनानि भवन्ति हि ॥
Tamil Transliteration
Piniyinmai Selvam Vilaivinpam Emam
Aniyenpa Naattiv Vaindhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 061 to 070 |
chapter | देश्: |