श्लोक - ७२५
शब्दशास्त्रं पठित्वादौ, अर्थशास्त्रं तत: पठ ।
सभायामुत्तरं वक्तुं तद्धैर्यं जनयेत् तव ॥
Tamil Transliteration
Aatrin Alavarindhu Karka Avaiyanjaa
Maatrang Kotuththar Poruttu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | सभाकम्पविहीनता |