श्लोक - ७१५
ज्ञानिनां भाषणात्पूर्वं सभायां स्वीतभाषणम् ।
अनारभ्य विनीतेन स्थिति: स्यादुत्तमो गुण: ॥
Tamil Transliteration
Nandrendra Vatrullum Nandre Mudhuvarul
Mundhu Kilavaach Cherivu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | सभास्वरूपम् |