श्लोक - ६६२
निषिद्धकर्मणस्त्यागो दैवात्तस्मिन् कृतेऽपि च ।
चित्तदार्ढ्यापरित्याग इतीमौ प्रकृते मतौ ॥
Tamil Transliteration
Oororaal Utrapin Olkaamai Ivvirantin
Aarenpar Aaindhavar Kol.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | क्रियादाढर्यम् |