श्लोक - ६५
पुत्रदेहपरिष्वङ्गो देहानन्दं विवर्धयेत् ।
जनयेच्छ्रवणानन्दं तेषां स्खलितभाषितम् ॥
Tamil Transliteration
Makkalmey Theental Utarkinpam Matru Avar
Sorkettal Inpam Sevikku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | पुत्रभाग्यम् |