श्लोक - ६५९
परहिंसाबलाल्लब्धं वित्तं मुञ्चेत् तमाश्रितम् ।
क्रमप्राप्तधनं नष्टमप्यन्ते मुदमर्पयेत् ॥
Tamil Transliteration
Azhak Konta Ellaam Azhappom Izhappinum
Pirpayakkum Narpaa Lavai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | क्रियाशुद्धि |