श्लोक - ६४५
विवक्षा ते यदि भवेदुच्यतां तादृशं वच ।
इतरेषां वचोभिश्च यज्जेतुं नैव शक्यते ॥
Tamil Transliteration
Solluka Sollaip Piridhorsol Achchollai
Vellunjol Inmai Arindhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | वाग्मित्वम् |