श्लोक - ६४३
यद्वच: श्रुतमात्रेण जनानावर्जयेद् गुणै: ।
अश्रुतानां च शुश्रूषा भवेत् तत्तात्त्विकं वच ॥
Tamil Transliteration
Kettaarp Pinikkum Thakaiyavaaik Kelaarum
Vetpa Mozhivadhaam Sol.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | वाग्मित्वम् |