श्लोक - ६३६
यस्य स्वाभाविकं ज्ञानं शास्त्र्ज्ञानेन सङ्गतम् ।
मन्त्रिणस्तस्य पुरत: किं कुर्यु: शत्रुवञ्चना: ॥
Tamil Transliteration
Madhinutpam Noolotu Utaiyaarkku Adhinutpam
Yaavula Munnir Pavai.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 051 to 060 |
chapter | अमात्य: |