श्लोक - ६१४
परोपकारं कर्तुं न शक्नुयाद्यत्नवर्जित: ।
करवर्तिकृपाणोऽपि भीरु: किं कर्तुमर्हति ॥
Tamil Transliteration
Thaalaanmai Illaadhaan Velaanmai Petikai
Vaalaanmai Polak Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | प्रयत्नशीलत्वम् |