श्लोक - ६०५
दीर्घनिद्रादीर्घसूत्रविस्मृत्यालस्यसंयुता: ।
नौकां मग्नोन्मुखां प्राप्ता इव नश्यन्ति ते ध्रुवम् ॥
Tamil Transliteration
Netuneer Maravi Matidhuyil Naankum
Ketuneeraar Kaamak Kalan.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | आलस्याभाव |