श्लोक - ५९६
भूपेन चिन्त्यतां स्वीयमौन्नत्यं प्रति सर्वदा ।
कार्यं भवतु वा मा वा श्लाघ्यते यत्नवान्नरै ॥
Tamil Transliteration
Ulluva Thellaam Uyarvullal Matradhu
Thallinun Thallaamai Neerththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | उत्साहसम्पत्ति: |