श्लोक - ५७३
साहित्येन विना गानं यथा स्यान्न मनोहरम् ।
दाक्षिण्यवर्जितं कुत्स्नं जगत्तद्वन्निरर्थकम् ॥
Tamil Transliteration
Panennaam Paatarku Iyaipindrel Kanennaam
Kannottam Illaadha Kan.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | दाक्षिण्यम् |