श्लोक - ५५३
देशे दिने दिने जाताननर्थान् विमृशन् नृप: ।
परिहारमकुर्वाण: क्षीणराज्य: क्रमाद्भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Naatorum Naati Muraiseyyaa Mannavan
Naatorum Naatu Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | अनीत्यापालनम् |