श्लोक - ४९१
समरे निजसैन्यानां स्थपनार्हस्थलीं स्थिराम् ।
अनिश्चित्य न कुर्वीत युद्ध शत्रुं न द्वषयेत् ॥
Tamil Transliteration
Thotangarka Evvinaiyum Ellarka Mutrum
Itanganta Pinal Ladhu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 50 |