श्लोक - ४८०
आयमार्गमनालोच्य परेषामुपकुर्वत: ।
जीविते तस्य सम्पत्ति: क्षीयते झटिति स्वयम् ॥
Tamil Transliteration
Ulavarai Thookkaadha Oppura Vaanmai
Valavarai Vallaik Ketum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 48 |