श्लोक - ४७७
स्वशक्तिमनतिक्रम्य धर्ममार्गानुसारत: ।
दानशीलस्य विंत्त तु न कदापि विनश्यति ॥
Tamil Transliteration
Aatrin Aravarindhu Eeka Adhuporul
Potri Vazhangu Neri.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 48 |
स्वशक्तिमनतिक्रम्य धर्ममार्गानुसारत: ।
दानशीलस्य विंत्त तु न कदापि विनश्यति ॥
Tamil Transliteration
Aatrin Aravarindhu Eeka Adhuporul
Potri Vazhangu Neri.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
---|---|
Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 48 |