श्लोक - ४५५
चित्तशुद्धि: कार्यशुद्धिरित्येतदुभयं नृणाम् ।
सत्साङ्गत्यवशादेव भवेदिति विभाव्यताम् ॥
Tamil Transliteration
Manandhooimai Seyvinai Thooimai Irantum
Inandhooimai Thoovaa Varum.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 46 |