श्लोक - ४३८
दातव्येष्वप्रदानाख्यो यो दोषो लोभनामक: ।
नायं साधारणे दोष: षड्दोषेष्वग्रणी: किल ॥
Tamil Transliteration
Patrullam Ennum Ivaranmai Etrullum
Ennap Patuvadhon Randru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 44 |