श्लोक - ४३२
दातव्येष्वप्रदानं च पूजनीयेष्वपूजनम् ।
अस्थने हर्ष इत्येते राज्ञो दोषा: प्रकीर्तिता: ॥
Tamil Transliteration
Ivaralum Maanpirandha Maanamum Maanaa
Uvakaiyum Edham Iraikku.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 44 |