श्लोक - ४३१
काममोहक्रोधलोभमदमात्सर्यसंज्ञकै: ।
दोषै: षड्भ्: विहीनस्य सम्पत् श्लाघ्या स्थिरा भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Serukkunj Chinamum Sirumaiyum Illaar
Perukkam Perumidha Neerththu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 44 |