श्लोक - ३९५
रिक्तवद्धनिकस्याग्रे विनीता गुरुसन्निधौ ।
भूत्वा पठन्ति ये नित्यं शिष्टास्ते निन्दिता: परे ॥
Tamil Transliteration
Utaiyaarmun Illaarpol Ekkatrung Katraar
Kataiyare Kallaa Thavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 40 |