श्लोक - ३८४
अधर्मेन्मूलनं स्वीयधर्माचरणशीलता ।
दुरहङ्कारराहित्यं त्रितयं नृपलक्षणम् ॥
Tamil Transliteration
Aranizhukkaa Thallavai Neekki Maranizhukkaa
Maanam Utaiya Tharasu.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 039 to 050 |
chapter | unknown 39 |