श्लोक - ३३५
ऊर्ध्वश्वास: स्वलज्जिह्न: मृत्युबाधायुतो यदा।
न भवेत्त्वरया पूर्वे मोक्षार्थे धर्ममाचरेत्॥
Tamil Transliteration
Naachchetru Vikkulmel Vaaraamun Nalvinai
Mersendru Seyyap Patum.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | unknown 34 |