श्लोक - ३२
धर्मानुष्ठानविभवात् देहिनां आयते सुखम् ।
धर्माणामननुष्ठानादनिष्ठं संभवेदिह ॥
Tamil Transliteration
Araththinooungu Aakkamum Illai Adhanai
Maraththalin Oongillai Ketu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 001 to 010 |
chapter | धर्मवैशिष्ट्यम् |