श्लोक - ३१
धर्मात् सञ्जायते कीर्ति: धर्मादुत्पघते धनम् ।
धर्मादप्यधिकं वस्तु प्राणिनां किं नु घर्तते ॥
Tamil Transliteration
Sirappu Eenum Selvamum Eenum Araththinooungu
Aakkam Evano Uyirkku.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 001 to 010 |
chapter | धर्मवैशिष्ट्यम् |