श्लोक - २७६
मनोवैराग्यमप्राप्य विरक्त इव यो नर:।
वर्तते कपटाचार: कठिनो नास्ति तत्सम:॥
Tamil Transliteration
Nenjin Thuravaar Thurandhaarpol Vanjiththu
Vaazhvaarin Vankanaar Il.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दुराचार: |