श्लोक - २७२
अकार्यमिति मत्वापि कुर्वत: पुनरेव तत्।
आकाशेनेव महता तपोवेषेण किं फलम्?॥
Tamil Transliteration
Vaanuyar Thotram Evanseyyum Thannenjam
Thaanari Kutrap Patin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दुराचार: |
अकार्यमिति मत्वापि कुर्वत: पुनरेव तत्।
आकाशेनेव महता तपोवेषेण किं फलम्?॥
Tamil Transliteration
Vaanuyar Thotram Evanseyyum Thannenjam
Thaanari Kutrap Patin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दुराचार: |