श्लोक - २४२
सन्मार्गेण परामृश्य भवितव्यं दयावता।
सर्वशास्त्र परामर्शेदयैका साह्याकारिणी॥
Tamil Transliteration
Nallaatraal Naati Arulaalka Pallaatraal
Therinum Aqdhe Thunai.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दया |
सन्मार्गेण परामृश्य भवितव्यं दयावता।
सर्वशास्त्र परामर्शेदयैका साह्याकारिणी॥
Tamil Transliteration
Nallaatraal Naati Arulaalka Pallaatraal
Therinum Aqdhe Thunai.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 021 to 030 |
chapter | दया |