श्लोक - २२
निराशस्य मुने: श्रैष्ठयगणनं 'जीवयकोटय: ।
कति जाता मृताश्चे'ति गणनेन समं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Thurandhaar Perumai Thunaikkoorin Vaiyaththu
Irandhaarai Ennikkon Tatru.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 001 to 010 |
chapter | यतिवैभवम् |