श्लोक - २२९
अदत्वैव परेभ्यो यद्भुज्यते स्वार्जितं धनम्।
दरिद्र्यान्मरणाञ्च स्या दहो कष्टतरं तत:॥
Tamil Transliteration
Iraththalin Innaadhu Mandra Nirappiya
Thaame Thamiyar Unal.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | दानम् |