श्लोक - १७
पीत्वा जलनिधिं लोके यदि मेघो न वर्षति ।
अगाघोऽप्युदधिस्तेन समृद्धिरहितो भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Netungatalum Thanneermai Kundrum Thatindhezhili
Thaannalkaa Thaaki Vitin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 001 to 010 |
chapter | वृष्टिमहिमा |