श्लोक - १६२
असूया यस्य न भवेत् सर्वदा सर्वजन्तुषु ।
स एव भग्यवान् लोके सर्वभाग्येषु तद्वरम् ॥
Tamil Transliteration
Vizhuppetrin Aqdhoppadhu Illaiyaar Maattum
Azhukkaatrin Anmai Perin.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | अनसूयता |