श्लोक - १३२३
जलं भुम्यं यथा शोलष्टं तथा स्निग्धप्रियै: सह ।
जाताद्वियोगादन्य: किं देवलोको भवेदिह ॥
Tamil Transliteration
Pulaththalin Puththelnaatu Unto Nilaththotu
Neeriyain Thannaar Akaththu.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | विप्रलम्भसुखम् |