श्लोक - १३००
स्वशस्थं स्वीयचित्तं बन्धुतां चेन्न पालयेत् ।
बन्धत्वपालनाभावो ह्यन्येषां युज्यते किल ॥
Tamil Transliteration
Thanjam Thamarallar Edhilaar Thaamutaiya
Nenjam Thamaral Vazhi.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | मनसि निर्वेद: |