श्लोक - १२९
वह्निज: स्यात् व्रणा: शान्त: चिह्नमात्रं न शाम्यति ।
वागग्निजव्रणस्येह नैवोपशमनं भवेत् ॥
Tamil Transliteration
Theeyinaar Suttapun Ullaarum Aaraadhe
Naavinaar Sutta Vatu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | निग्रहशीलता |