श्लोक - १२९६
वियुक्तप्रियदोषाणां स्मरणावसरे सति ।
मां भक्षयति किं चित्तमितीव व्यसनं मम ॥
Tamil Transliteration
Thaniye Irundhu Ninaiththakkaal Ennaith
Thiniya Irundhadhen Nenju.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | मनसि निर्वेद: |