श्लोक - १२९२
कामुको न वृणोत्यस्मानिति ज्ञात्वापि हे मन: ।
न स कुप्येदिति धिया त्वं प्रयासि तदन्तिकम् ॥
Tamil Transliteration
Uraaa Thavarkkanta Kannum Avaraich
Cheraaarenach Cheriyen Nenju.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 121 to 133 |
chapter | मनसि निर्वेद: |