श्लोक - ११४८
दुष्प्रचारेण कामस्य निरोधो न हि शक्यते ।
यथा घृतेन वह्नेस्तु शमनं दुष्करं भुवि ॥
Tamil Transliteration
Neyyaal Erinudhuppem Endratraal Kelavaiyaal
Kaamam Nudhuppem Enal.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | अपवादकथनम् |