श्लोक - ११४६
प्रियो दृष्टस्त्वेकवोरं, अपवादस्तदोत्थित: ।
सर्पेण चन्द्रग्रहणवार्तेव प्रसृतोऽभवत् ॥
Tamil Transliteration
Kantadhu Mannum Orunaal Alarmannum
Thingalaip Paampukon Tatru.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | अपवादकथनम् |