श्लोक - १०९६

अप्रीतवाक्यसदृशं ब्रूयात्सा कठिनं बहि: ।
परन्तु हृदये क्रोधो नास्तीति ज्ञायते क्षणात् ॥
Tamil Transliteration
Uraaa Thavarpol Solinum Seraaarsol
Ollai Unarap Patum.
Section | भाग–३: काम-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 109to 120 |
chapter | भावपरिज्ञानम् |