श्लोक - १०५
कृते च प्रतिकर्तव्यं स्वीयशक्तयनुसारत: ।
प्राप्तलाभानुसारेण प्रतिकारो विगह्र्यते ॥
Tamil Transliteration
Udhavi Varaiththandru Udhavi Udhavi
Seyappattaar Saalpin Varaiththu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
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Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | कृतज्ञता |