श्लोक - १०५१
दातुर्दर्शनवेलायां तस्मिन युक्तं हि याचनम् ।
दातुर्नेति वचस्तस्य दोषाय स्यान्न चार्थिनाम् ॥
Tamil Transliteration
Irakka Iraththakkaark Kaanin Karappin
Avarpazhi Thampazhi Andru.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | याचना |