श्लोक - १०३
अनालोच्य प्रतिफलं साह्यं प्रेम्णा विनिर्मितम् ।
विमृष्ट सत् समुद्रादप्यधिकं स्यान्न संशय: ॥
Tamil Transliteration
Payandhookkaar Seydha Udhavi Nayandhookkin
Nanmai Katalin Peridhu.
Section | भाग–१: धर्मकाण्ड |
---|---|
Chapter Group | अधिकार 011 to 020 |
chapter | कृतज्ञता |