श्लोक - १०३५
कृषिं करेण संवर्ध्य भुञ्जानास्ते कृषिवला: ।
न याचन्ते परान्, किन्तु यच्छन्त्यल्पमथार्थिनाम् ॥
Tamil Transliteration
Iravaar Irappaarkkondru Eevar Karavaadhu
Kaiseydhoon Maalai Yavar.
Section | भाग–२: अर्थ-काण्ड |
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Chapter Group | अध्याय 101 to 108 |
chapter | कृषिकर्म |