Kural - ८२७
शत्रूने बोलण्यात कितीही नम्रता दाखविली तरी विश्वसू नकोस; वाकलेले धनुष्य उपाय सुचविते.
Tamil Transliteration
Solvanakkam Onnaarkan Kollarka Vilvanakkam
Theengu Kuriththamai Yaan.
Section | भाग दुसरा: अर्थ |
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Chapter Group | सर्ग 101 to 108 |
chapter | खोटी मैत्री |