Kural - ११७
न्यायी नि सद्गुणी माणसाच्या दारिद्र्चाकडे जग तिरस्काराने पाहात नाही.
Tamil Transliteration
Ketuvaaka Vaiyaadhu Ulakam Natuvaaka
Nandrikkan Thangiyaan Thaazhvu.
Section | भग पहिला: धर्म |
---|---|
Chapter Group | सर्ग 011 to 020 |
chapter | न्यायीपणा |
न्यायी नि सद्गुणी माणसाच्या दारिद्र्चाकडे जग तिरस्काराने पाहात नाही.
Tamil Transliteration
Ketuvaaka Vaiyaadhu Ulakam Natuvaaka
Nandrikkan Thangiyaan Thaazhvu.
Section | भग पहिला: धर्म |
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Chapter Group | सर्ग 011 to 020 |
chapter | न्यायीपणा |