श्लोक - ८६५
नीतिशास्त्र जो ना पढे, विधिवत् करे न काम ।
दुर्जन निंदा-भय-रहित, रिपु हित है सुख-धाम ॥
Tamil Transliteration
Vazhinokkaan Vaaippana Seyyaan Pazhinokkaan
Panpilan Patraarkku Inidhu.
Section | अर्थ- कांड |
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Chapter Group | अध्याय 91 to 100 |
chapter | शत्रुता- उत्कर्ष |